पहचान
To the ones who are out there in the world trying to prove their worth in a society that is used to seeing everyone fail and mocking those who try hard to succeed!
किस बात से डरते हो तुम क्यों आगे नहीं बढ़ते हो तुम क्या अतीत के बोझ दबाते है या समाज के डर सताते है? ये जीवन तो एक बार मिला है कोई दूजे का वरदान नहीं तो जी लो अपनी ख़ुशी से तुम कोई होगा यू मेहरबान नहीं ये राह तो कठिन होगी ना किसने कहा आसान होगी पर छू लोगे जब तुम आसमाँ तब तेरी सही पहचान होगी